अतुल सुभाष केस: बचपन के दोस्त ने खोले पत्नी निकिता सिंघानिया के राज़, किए खुलासे

Atul Subhash Friend Revelation

Atul Subhash Friend Revelation

Atul Subhash Friend Revelation: कर्नाटक के बेंगलुरु में बिहार के इंजीनियर अतुल सुभाष (Atul Subhash New Revelation) ने 9 दिसंबर को पत्नी और ससुरालियों से तंग आकर मौत को गले लगा लिया था. तभी से उनके समस्तीपुर (Samastipur) के पूसा वैनी स्थित घर और पूरे इलाके में शोक का माहौल है. अतुल के घर पर रोज भीड़ देखी जा सकती है. सभी परिवार को तसल्ली देने पहुंच रहे हैं. अतुल के गांव वालों की मानें तो वह बहुत होनहार, धार्मिक विचारों वाला और शांत स्वभाव के व्यक्ति थे. इस बीच अतुल का बचपन का दोस्त भी उनके घर पहुंचा. उसने निकिता और अतुल के बारे में कई खुलासे किए.

संत सुमन अतुल के साथ स्कूल में पढ़ता था. संत सुमन ने बताया- अतुल भैया मेरे सीनियर थे. हम पूसा के गोल्डन पब्लिक स्कूल में साथ में पढ़ते थे. मेरा घर अतुल भैया के घर से महज एक किलोमीटर ही दूर है. अतुल भैया पढ़ने में बहुत होशियार थे. वो धार्मिक विचारों वाले थे. न ही उन्हें शराब पीने और अन्य नशे की कोई लत थी. वो सबसे बहुत प्यार से बात करते थे. एकदम शांत स्वभाव के थे.

दोस्त ने बताया- अतुल अंग्रेजी में बहुत होशियार थे. वो फिर आगे की पढ़ाई करके बेंगलुरु चले गए. 2019 में उनकी शादी हुई. जब भी वो गांव आते तो हमसे जरूर मिलते. लेकिन शादी के बाद वो काफी परेशान रहने लगे. हमने बस यही सुना है कि निकिता भाभी और उनके घर वाले अतुल भैया को बहुत परेशान करते थे. वो उनसे पैसों की डिमांड करते थे. अतुल भैया पर जो भी इल्जाम लगाए गए हैं वो गलत हैं. वो वैसे थे ही नहीं जैसा उनके बारे में निकिता भाभी ने कहा. वो तो बहुत शरीफ इंसान थे. मैं उन्हें बचपन से जानता हूं. वो कभी किसी से लड़ाई नहीं करते थे. न कभी की. ऐसे में वो भाभी से कैसे लड़ सकते हैं? यह सब झूठ है.

‘बहुत ही नेक बच्चा था अतुल’

इसके अलावा एक अन्य ग्रामीण मनोज राय ने भी अतुल के बारे में ऐसा ही कुछ कहा. कहा- अतुल बहुत ही नेक बच्चा था. पढ़ाई में तेज था. तभी तो वो बेंगलुरु जैसे बड़े शहर में नौकरी करता था. यही नहीं, अतुल का पूरा परिवार ही बहुत शरीफ है. बहुत ही शांत स्वभाव के लोग हैं ये सभी. गांव में भी इनका किसी से कोई बैर नहीं है. लेकिन अतुल की शादी के बाद से ही परिवार बहुत टेंशन में था. कोर्ट के चक्कर काटने ये लोग हमेशा यूपी जाते रहते थे. हमें यकीन ही नहीं हो रहा कि इतना होनहार बच्चा ऐसा भी कदम उठा सकता है. हम बस सरकार से यही मांग करते हैं कि इस परिवार को इंसाफ मिले.

अतुल सुभाष ने दे दी जान

9 दिसंबर को अतुल ने बेंगलुरु स्थित अपने फ्लैट में फंदा लगाकर जान दे दी थी. मरने से पहले उन्होंने पांच लोगों पर खुदकुशी के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था. अतुल ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा था. साथ ही 90 मिनट का एक वीडियो भी बनाया. उसमें उन्होंने बताया था कि पत्नी और ससुरालियों के टॉर्चर के कारण वो यह खौफनाक कदम उठाने को मजबूर हुए हैं. कहा था कि मेरी सैलरी 80 हजार रुपये है. फिर भी मेरी बीवी मुझसे 3 करोड़ रुपये सेटलमेंट के मांग रही है. और 80 हजार रुपये हर महीना मेंटेनेंस का मांग रही है. अतुल ने जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक और पेशकार माधव पर भी सेटलमेंट करवाने के नाम पर 5 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया.

छह दिन बाद क्या होगा केस में?

10 दिसंबर को अतुल के भाई विकास की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज किया. इसी सिलसिले में निकिता, निशा और अनुराग की गिरफ्तारी हुई. तीसरा आरोपी यानि निकिता का चाचा फरार था. इससे पहले कि चाचा गिरफ्तार हो पाता, हाईकोर्ट से उसे जमानत मिल गई. फिलहाल निकिता, निशा और अनुराग न्यायिक हिरासत में हैं. अब देखना ये होगा कि 6 दिन बाद मामले में क्या नया खुलासा होता है.